Tortoise, Crow, Deer, and Mouse: United They Stand, Hindi Poetry Story by Dr. Surendra Vikram, Hindi Bal Kavita, Kids Poem, Children's Poem in Hindi.
The Four Jungle Friends: A Tale of Wit and Friendship
Hindi Padya Katha : यह हिंदी पद्यकथा चार दोस्तों—कछुआ, कौआ, हिरन और चूहे—की है, जो जंगल में मिल-जुलकर रहते हैं। जब शिकारी का संकट आता है, तो उनकी मित्रता और बुद्धिमानी कैसे उन्हें बचाती है, यह कथा सिखाती है कि एकता और समझदारी से हर मुश्किल हल की जा सकती है। पढ़े रोचक बाल कविता और शेयर करें।
जंगल की मित्रता की सच्ची मिसाल
कछुआ, कौआ, हिरन और चूहा
कछुआ, कौआ, हिरन साथ में
मिलकर रहते जंगल में।
चूहा कभी-कभी आ जाता
मौज मनाने इस दल में।
कछुआ था तालाब का स्वामी
सौ पेड़ों का कौआ राजा।
हिरन चौकड़ी भरते -भरते
पाँच किलो फल लाता ताजा।
चारों मिलकर खाते-पीते
समय बीतता जल्दी-जल्दी।
जंगल में आ गया शिकारी
यूँ खुशियों पर कीचड़ मल दी।
कौआ बैठा हरी डाल पर
ठीक पेड़ के नीचे कछुआ।
भागा-भागा हिरन आ गया
लगता था, कुछ अभी हुआ।
बुरी तरह से हाँफ रहा था
बोला- 'मैं हूँ बहुत अभागा।
घूम रहा था एक शिकारी
उसे देख, मैं डरकर भागा।'
जल्दी से तुम सब छिप जाओ
आ सकता है इधर शिकारी।
जान बचाना मुश्किल होगा
कठिन समय,अपनी लाचारी।
खबर शिकारी की सुनते ही
कुछ भी नहीं समझ में आया।
तभी पेड़ की डाल पे बैठा
कौआ,काँव-काँव चिल्लाया।
चला गया है दूर शिकारी
अब डरने की बात नहीं।
चले गए घर, सूरज दादा
खतरनाक अब रात नहीं।
लेकिन खतरा टला नहीं था
रोज शिकारी आया करता।
छोटे-छोटे जाल बिछाकर
दाने रख, ललचाया करता।
उसी जाल में हिरन फँसा, तो
कुछ भी नहीं समझ में आया।
हरी डाली पर बैठा कौआ
देखा उसने, शोर मचाया।
मजबूती से बुना हुआ था
छोटे खानों वाला जाल।
जिसे तोड़ने की कोशिश में
थककर हिरन हुआ बेहाल।
कौआ भागा पास हिरन के
इत्मीनान से धैर्य बँधाया।
आता हूँ चूहे को लेकर
सारा 'प्लान' उसे समझाया।
कौआ फिर तेजी से भागा
जा पहुँचा चूहे के पास।
चूहा बोला- उसे देखकर
'मित्र! लग रहे बहुत उदास।'
कौए ने चूहे को फौरन
एक-एक सब बात बताई।
कहा- पीठ पर बैठो जल्दी
बिलकुल नहीं समय है भाई।
जल्दी-जल्दी जाल काटकर
किया हिरन को झट आजाद।
कसकर उसने भरी चौकड़ी
रहा नहीं कुछ उसको याद।
संकट आ जाने पर हमको
बुद्धि लगाकर करना काम।
जीवन में संघर्ष बहुत हैं
मुश्किल है करना आराम।
- डॉ. सुरेन्द्र विक्रम
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