Prabhudayal Shrivastava Children's Poetry Collection Book Mutti Mein Hain Lal Gulal Poems in Hindi, Mausi Aayi Bal Kavita, Kids Poems in Hindi, Bal Geet for Children's.
Mausi Aayi Bal Kavita
Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता मौसी आई, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता मौसी आई, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।
Mausi Aayi Bal Geet in Hindi
मौसी आई
बिना सूचना बिना बताए,
मौसी आई रेल से।
हमसे बोली बच्चों तुमको,
आज चकित कर देना था।
और सभी हँसते चेहरों से,
खुशियों का रस लेना था।
और मजे लेना थे मुझको,
घर की रेलम पेल से।
मस्त रहो, मुस्काओ गाओ,
बच्चों तुम्हें बताना था।
जीवन यह खुशियों का घर है,
यही तुम्हें समझाना था।
नई ऊर्जा मिलती मन को,
मस्ती वाले खेल से।
संघर्षों से कभी न डरना,
दुख- सुख आते जाते हैं।
जो होते हैं समझदार वे,
दुख में भी मुस्काते हैं।
यह जीवन ही बना हुआ है,
दुखों सुखों के मेल से।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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