This imaginative Hindi poem for children by Dr. Rakesh Chakra captures a little girl’s dream to bring stars and light to everyone’s life. A heartwarming piece promoting love, education, and hope for a brighter future. Perfect for school readings and moral education.
Imaginative and inspiring nursery rhyme
Imaginative and inspiring Poem in Hindi: यह बाल कविता 'मुझे दिला दो चाँद सितारे', डॉ. राकेश चक्र के बाल गीत संग्रह 'धीरे धीरे गाना बादल' से ली गई है। कविता में एक बच्ची की मासूम कल्पनाएँ, करुणा, प्रेम और शिक्षा की उजास भरी दृष्टि व्यक्त होती है। बच्चों के लिए एक आदर्श और प्रेरक रचना।
MUJHE DILA DO CHAAND SITARE
मुझे दिला दो चाँद सितारे
टिम-टिम करते नभ के तारे।
लगते सब बच्चों को प्यारे।
'धारा' बिटिया, बोली बापू-
मुझे दिला दो चाँद-सितारे।
मुझे हैं लगते मुझको ये प्यारे ।।
वस्त्रों में यूँ टॉक-टॉक कर।
झिल-मिल-झिल-मिल नाचूँ-गाऊँ।
जग के सारे बच्चों के घर,
खूब उजाला करती जाऊँ।
खेल-खिलौने, रोटी सबको,
विद्यालय में उन्हें, पढ़ाऊँ।
सबके उर निर्मल हो जायें
खुल जायेंगे भाग्य हमारे ।।
हम आपस में प्रेम करेंगे,
द्वेष-भाव से दूर रहेंगे ।
रोज परी सपनों में कहती,
हिम्मत कर, हम नहीं डरेंगे,
आशाओं के दीप जलाकर,
नए-नए हम रंग भरेंगे।
पंख लगा दो मेरे बापू-
तोड़ लाऊँगी चाँद-सितारे।
- डॉ. राकेश चक्र
यह कविता बच्चों को करुणा, आशा और शिक्षा के महत्व को समझाने का सुंदर माध्यम है। ‘धारा’ जैसे पात्र बच्चों के अंतर्मन से बात करते हैं। यह कविता विद्यालयों की पाठ्य सामग्री या बाल प्रतियोगिताओं में प्रस्तुत की जा सकती है।
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