Hindi Muktak Kavya Geet Bure Din Sabke Beet Jaate Hain, Hindi Muktak Poetry Collection, Hindi Muktak Poems, Kavita Kosh
Muktak Kavya in Hindi
हिंदी मुक्तक काव्य : पढ़िए कविता कोश में बुरे दिन सबके बीत जाते हैं हिंदी मुक्तक काव्य गीत, सकारात्मक नजरिया पर आधारित मुक्तक गीत हिंदी में, बुरे समय में दृढ़ संकल्प से रहने के लिए प्रेरित करती कविता पढ़े और शेयर करें।
मुक्तक व क्षणिकाएँ
बुरे दिन सबके बीत जाते हैं
बुरे दिन सबके बीत जाते हैं।
दृढ़ निश्चय हो जीत जाते हैं।।
हारने वाले को भुला देते सब,
जीतने वाले के गीत गाते हैं।।
छिपे दुश्मन को हम पहचानते हैं।
उसकी औकात को भी जानते हैं।।
कभी हमने उसे छेड़ा नहीं हैं,
उसे हम दोस्त जैसा मानते हैं।।
वक्त हमारा इम्तहान लेता है।
नतीजा पहिले ही जान लेता है।।
कामयाबी उसी को मिलती है,
जो हवा का रुख पहचान लेता है।।
हार को जीत में बदलना है।
द्वेष को प्रीत में बदलना है।।
जिन्दगी के बुझे हुए स्वर को,
मुझे संगीत में बदलना है।।
लोग रास्ते में दीवार बना देते हैं।
अच्छे भले को बीमार बना देते हैं।।
संभल कर रहना, ये दुनिया वाले।
एक चिंगारी को अंगार बना देते हैं।।
जो जीना चाहते थे, मर गए।
जो मरना चाहते थे डर गए।।
जीवन मृत्यु के इस तमाशे में।
जाने कितने इधर-उधर गए।।
कर्ज लिया है तो पटाना होगा।
ब्याज का बोझ, उठाना होगा।।
आमदनी कम तो, गुजारे के लिये।
कोई तो खर्च घटाना होगा।।
मुझे याद करना, न आँसू बहाना।
मुझे अब बहुत दूर, बहुत दूर जाना ।।
किसी को जरा-सा बुरा तो लगेगा।
मुझे है खुशी खुश रहेगा जमाना ।।
- सजीवन मयंक
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