An inspiring Hindi poem dedicated to the youth of India. Dr. Rakesh Chakr urges young minds to lead with unity, courage, and knowledge. A perfect motivational poem for students and teen leaders of tomorrow.
Hindi Poem for Youth
देश के नौजवान (किशोर काव्य कृति) से "देश के नौजवान" डॉ. राकेश चक्र द्वारा रचित एक शक्तिशाली कविता है, जो युवाओं को आत्मबल, विज्ञान, शिक्षा, खेल, योग और देशप्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। यह रचना एकता, नवाचार और नेतृत्व की भावना को जगाती है। कविता के प्रत्येक छंद में युवा शक्ति को राष्ट्र की दिशा बदलने की अद्भुत क्षमता के रूप में चित्रित किया गया है।
Desh Ke Naujawan Prernadayak Kavita
देश के नौजवान
जागिए देश के नौजवान ।
पुकारती है, भारती महान ।
जीत लो, जीत लो, जीत लो,
जीत लो धरा और आसमान ।।
आज के गौरव तुम्हीं
कल का भविष्य हो
एकता की नींव तुम
जीत का रहस्य हो
तुम ही तोड़ते हो
तम की बेड़ियों को
तुम ही इस धरा के
शूर सर्वस्व हो
ले लो अपने हाथों में मशाल ।
बढ़े चलो, बढ़ेगा सम्मान ।।
ऊर्जा के स्रोत तुम
नित नई सोच तुम
नूतन विज्ञान की
कर रहे हो खोज तुम
तुम ही जोड़ते रहे
टूटते दिलों को
सबको ही बाँटते
प्रीति और ओज तुम
तुम ही ऊँचा कर रहे भाल।
चढ़ो शिखर, बढ़े हिन्दुस्तान ।।
खेल में अव्वल बनो
मेल के सम्बल बनो
रोज ध्यान से पढ़ो
योग से उज्ज्वल बनो
संस्कारवान बन
आज और कल बनो
दृढ़ बनो संकल्प में
मुश्किलों का हल बनो
तुम ही राष्ट्र के हो लाल ।
ले लो अब हाथों में कमान ।।
- डॉ. राकेश चक्र
कविता "देश के नौजवान" एक उद्घोषणा है — युवाओं के लिए, युवाओं के द्वारा। यह रचना बताती है कि राष्ट्र के गौरव, विज्ञान की तरक्की, सामाजिक समरसता और भविष्य की नींव नौजवानों के हाथों में है। डॉ. राकेश चक्र की यह प्रेरक कविता किशोरों को नेतृत्व, साहस और सेवा के पथ पर अग्रसर करती है।
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