A powerful Hindi poem inspiring patriotism and social harmony. Dr. Rakesh Chakr emphasizes sacrifice, unity, and speaking sweetly. A perfect moral message for teens and young readers.
Patriotic Poem in Hindi
Deshbhakti Geet : देश के नौजवान (किशोर काव्य कृति) से दिखा गए अपना परचम एक प्रेरणात्मक बाल-कविता, जिसमें डॉ. राकेश चक्र ने मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाले वीरों की स्मृति, आपसी प्रेम, सामाजिक समरसता और नैतिक जीवन मूल्यों को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया है। यह कविता बच्चों और किशोरों को सिखाती है कि वीरता केवल युद्ध में नहीं, बल्कि प्रेम, संवाद, न्याय और संयम में भी है।
देशभक्ति गीत हिंदी में
दिखा गये अपना परचम
मातृभूमि पर मिटने वाले
दिखा गए अपना परचम ।
अमर हो गए गाथाओं में
आओ जानें उनको हम ।।
याद कर रहा बच्चा-बच्चा
उनका साहस और बलखम..
आपस में यदि रहें प्रेम से
नहीं चलेंगे गोली बम ।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई
रहें प्रेम से ही हरदम ।
स्वस्थ यहाँ पर रहें सभी जन
मीठा बोलें, खायें कम ।
न्याय वही कर सकता भाई
कान खुलें हों, आँखें सम।
जो हित दूजों का करते हैं
दूर रहेगा उनसे तम।
'चक्र' कह रहा सबसे भाई
मीठा-मीठा बोलें हम ।
- डॉ. राकेश चक्र
यह कविता "दिखा गए अपना परचम" केवल एक देशभक्ति गीत नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है। इसमें वीरों की गाथा से प्रेरणा लेने के साथ-साथ आपसी प्रेम, मीठे बोल और न्यायप्रियता की भावना को जीवन में उतारने का संदेश है। यह कविता नई पीढ़ी को एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती है।
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