“Rashtriya Ekta” is a powerful patriotic Hindi poem for children by Dr. Rakesh Chakra, inspired by the Kargil victory. It emphasizes bravery, unity, and national pride, making it perfect for school events and Independence Day programs.
Rashtriya Ekta - Bal Kavita
Poem on Kargil Vijay Diwas : 'राष्ट्रीय एकता' डॉ. राकेश चक्र की ओजपूर्ण बाल कविता है, जो 'प्रेम के दीप जलाओ' काव्य-संग्रह में प्रकाशित है। यह कविता कारगिल युद्ध, भारतीय सैनिकों की वीरता और पाकिस्तान की कायरता पर गूंजता हुआ संदेश देती है। बच्चों में देशभक्ति की भावना जाग्रत करती है।
Hindi Poem on Kargil Victory
राष्ट्रीय एकता
कारगिल में पाक को, सबक सिखाया है।
हमने राष्ट्रधर्म बढ़कर निभाया है।।
हर बार धोखा दे, लड़ने को आता है,
मोर्चे पर हर बार मार वह खाता है।
मानवीय गुणों को ना अपनाता है,
अपना ही जग में मान घटाया है।
कारगिल में पाक को सबक सिखाया है।।
इरादे उसके खाक में मिलायेंगे।
अपने कश्मीर को एक करायेंगे।
आतताइयों को मार भगायेंगे।
वतन की शान में, झण्डा फहराया है।
कारगिल में पाक को सबक सिखाया है।।
हमलावर देश को युद्ध सुहाता है।
भाषा अमन की वह, समझ ही न पाता है।
झूठे वायदों से ना शरमाता है।
क्रान्ति से इस बार, उसे समझाया है।
कारगिल में पाक को सबक सिखाया है।।
- डॉ. राकेश चक्र
यह कविता बच्चों को भारत के वीर सैनिकों की बहादुरी, देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का भाव सिखाने का एक प्रेरक माध्यम है। यह स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या विद्यालयी भाषण प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त है।
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