This delightful children’s poem by Prabhudayal Srivastava emphasizes the importance of laughter in life. It gently teaches young readers that smiling and staying happy are essential, even amidst worries and challenges.
Laughing is Essential
03 अक्टूबर विश्व मुस्कान दिवस पर विशेष पढ़िए मुट्ठी में है लाल गुलाल (121 बाल कविताएँ) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की हिंदी बाल गीत। बचपन की सबसे बड़ी पहचान है – हँसी। हँसना न सिर्फ मन को हल्का करता है, बल्कि जीवन को जीने की असली कला भी सिखाता है। प्रभुदयाल श्रीवास्तव की यह बाल कविता "हँसना बहुत जरूरी है" बच्चों को यही संदेश देती है कि दुख-सुख आते-जाते रहते हैं, पर मुस्कान बनाए रखना सबसे ज़रूरी है। यह कविता सरल भाषा और सहज भावों में हमें सिखाती है कि हँसी ही जीवन का सच्चा आधार है।
Bal Geet Hansna Bahut Zaroori Hai
हँसना बहुत जरूरी है
रोने में कुछ नहीं फायदा,
हँसना बहुत जरूरी है।
लोग क्यों नहीं हँस पाते हैं,
ऐसी क्या मजबूरी है।
देखा है कल्लू काका को,
कई दिनों से हँसे नहीं।
मुस्कानों के शहर कभी,
उनके होंठों पर बसे नहीं।
खुशियों से तोड़ा है नाता,
बनी बहुत ही दूरी है।
बीते का दुख, कल की चिंता,
इसका रोना गाना क्या।
तकलीफों का बैंड बजाकर,
दुनिया को दिखलाना क्या।
नहीं आज में क्यों जी पाते,
ऐसी क्या मज़बूरी है।
मस्ती हल्ला धूम धड़ाका,
जीने का आधार यही।
खुश रहकर खुद खुशी बाँटना,
बात बड़ों ने यही कही।
खुशी नहीं है अगर पास में,
जीवन साध अधूरी है।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
प्रभुदयाल श्रीवास्तव की यह कविता हमें याद दिलाती है कि जीवन में खुश रहना और मुस्कुराना कितना जरूरी है। दुख और चिंता के बीच भी हँसी का महत्व कम नहीं होता—हँसना ही जीवन को पूर्ण और रंगीन बनाता है।
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