स्तुति राय की हिन्दी कविता भूख - Hindi Kavita Bhukh By Stuti Rai

Dr. Mulla Adam Ali
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🔥 भूख 🔥

भूख से भयानक

कोई एहसास नहीं

हो सकता,

चुल्हे में जल रही

आग से बड़ी

कोई उम्मीद नहीं 

हो सकती, 

बच्चे की किलकारी 

से अधिक 

कोई खुशी नहीं

हो सकती

और खेतों में 

लहराते पौधे से

ज्यादा सुंदर

दुनिया की कोई

वस्तु नहीं हो सकती।

स्तुति राय

शोधार्थी (एमफिल)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी

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