बच्चों के लिए रचना
🐿️ गिल्लू गिलहरी 🐿️
गिल्लू गिलहरी नन्ही जान
पूँछ है लम्बी लम्बे कान
होंठ पर लाली मुख मुस्कान
पेड़ पर रहती बांध मचान
डाल डाल घूमे इतराये
कुतर कुतर खाये बिखराये
सरपट भागे फिर मुड़ जाये
नहीं पकड़ बच्चों के आये
दूर दूर रहती इठलाती
देख देख कर वो मुस्काती
पास न आती कुछ शरमाती
पर बच्चों के मन को भाती
अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद'
राजरूपपुर, प्रयागराज
ये भी पढ़ें;
✓ बच्चों के लिए रचना : दद्दा - अशोक श्रीवास्तव कुमुद
✓ महादेवी वर्मा की बाल कविता: अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी
मैं नीर भरी दुख की बदली - "आधुनिक मीरा" महादेवी वर्मा की कविता
अन्य ऐप में शेयर करें