बाल कविता : प्यासी गिलहरी - अशोक श्रीवास्तव कुमुद

Dr. Mulla Adam Ali
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Bal Kavita Gilhari

hindi kids poem on gilhari

बच्चों के लिए रचना

🐿️ प्यासी गिलहरी 🐿️

दुबली पतली दिखे छरहरी

घूम रही थी भरी दुपहरी

कूद रही थी डाली डाली

लाली मुँह में लगा गिलहरी 


कूद कूद कर वो बेचारी

बहा पसीना थक कर हारी

प्यासी तड़पे उठा न जाये

बेदम बेबस थी लाचारी


देख दशा मीना घबराई

जल्दी जल्दी पानी लाई

पीकर पानी उठी गिलहरी

चढ़ी पेड़ खुशहाली छाई


सूखा ताल तलैय्या झरना

जल बिन जीव तरसते रहना

प्यासे जीव मरे ना बच्चों 

खुली जगह में पानी रखना

ashok srivastava kumud

अशोक श्रीवास्तव 'कुमुद'

राजरूपपुर, प्रयागराज

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