Poem on Junk Food
बच्चों के लिए रचना
🍩🍟 जंक फूड 🍟🍩
चुन्नू है इकलौता लड़का,
लाड़ प्यार का लगता तड़का,
सहनशीलता में वो कड़का,
बात बात में रहता भड़का।
मन में जो आये वो खाये,
मिले नहीं तो वो गुस्साये,
मम्मी पापा खूब मनाये,
माने ना भूखा सो जाये।
रोटी सब्जी मन ना भाता,
दाल भात से तोड़ा नाता,
फल सब्जी वो कभी न खाता,
जंक फूड दिन रात लुभाता।
पिज्जा बर्गर उसको भाये,
जमकर पेस्ट्री केक उड़ाये,
चॉकलेट दिन रात चबाये,
कोल्ड ड्रिंक पूरा पी जाये।
जंक फूड से तबियत बिगड़ी,
पेट बिमारी जी भर रगड़ी,
चुन्नू हुआ सूख के ककड़ी,
खाना बंद दवाई तगड़ी।
खाए कड़वी रोज दवाई,
इंजेक्शन भी नर्स लगाई,
आंसू से आँखें भर आई,
जिद्दी आदत हुआ हवाई।
बच्चों ध्यान बराबर रखना,
शुद्ध संतुलित भोजन करना,
नियमित सब्जी फल अपनाना,
जंक फूड से दूरी रखना।
राजरूपपुर, प्रयागराज
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