राष्ट्र की राष्ट्रभाषा | हिंदी दिवस कविताएं | Hindi Diwas Kavitayen

Dr. Mulla Adam Ali
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Poem on Hindi Day : National Language Poem in Hindi - Rashtra Bhasha Hindi

Kavita Rashtra Bhasha

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राष्ट्र की राष्ट्रभाषा

भाषा भगवान का वरदान है

बोली भाषा आदमी की पहचान है।

बिना भाषा जानवर जीता है

भाषा से आदमी उन्नत महान बनता है।

भाषा संपर्क साकार है

भावनाओं का अविष्कार है

भाषा से व्यक्ति का विकस होता है

भाषा संबंध का विश्वास है।

भाषा माता-पिता से मिलती है।

मातृभाषा बचपन से आत्मसात होती है

भाषा से ही एक दूजे से बात होती है

भाषा ही समाजशील बनाती है।

भारत विविध संस्कृति का देश है

अनेक भाषा भारत में रत है

रोजी रोटी के लिये कही भी जाना है।

पेट के लिये पैसा कमाना है।

क्या प्रति क्षेत्र की भाषा आना लाजमी है?

क्या क्षेत्रीय भाषा न आना कमी है।

प्रत्येक भाषा सीखना मुश्किल है

प्रत्येक भाषा की शब्द अर्थ लिपि अलग है।

राष्ट्रभाषा संपर्क सरल पर्यायी भाषा है।

सबसे रिश्ता रखनेवाली मेलजोल भाषा है।

हिन्दी बात करने के लिये आसान है

मीठी मधुर सी राष्ट्रभाषा देश की शान है।

भाषा के लिये जब कोई जलाया जाता है

दिल से धआँ निकलता है।

दिल को बहोत दुख होता है।

भाषा का परिहास ऐसा होता है।

हिन्दी बोलना क्या पाप है?

हर क्षेत्रीय भाषा क्या बाप है?

मातृभाषा आत्मसम्मान है

राष्ट्रभाषा देशाभिमान है।

एक दूजे से संबंध हिन्दी से बनते है

हिन्दी से हमारे रिश्ते बनते है।

हर भारतीय को हिन्दी अपनाना है

भाईचारा एकता राष्ट्रभाषा से रखना है।

राष्ट्रभाषा का सम्मान रखना है

अब हिन्दी को वैश्विक बनना है।

- मीना खोंड 

ये भी पढ़ें; हिन्दी भाषा के विषय पर बेहतरीन कविता : जबान की भाषा

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