बच्चों के लिए कविताएँ : परशुराम शुक्ल की दो बाल कविताएँ - Bal Kavita In Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Dr. Parashuram Shukla Children's Poetry in Hindi : Bal Kavita In Hindi

Parashuram Shukla Children's Poetry in Hindi

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Bal Kavita In Hindi : Bal Sahitya

Poem about Mother in Hindi :  Maa Par Kavita in Hindi - माँ पर बाल कविता

1. मेरी मम्मी


मेरी मम्मी सबसे अच्छी

मुझको रोज़ पढ़ाती है।

चाहे जितना होमवर्क हो,

पूरा रोज़ कराती है।।


नित्य नियम से बस्ते के संग

वह शाला तक आती है।

“मेहनत करके पढ़ना बेटा,"

मुझको वह समझाती है।।


मम्मी की मैं बात मानकर

नियमित शाला जाता हूँ।

और हमेशा इम्तहान में

अच्छे नम्बर लाता हूँ।।


Mamaji Par Kavita : Poem on Mama Ji - मामाजी पर बाल कविता

2. मामाजी


लम्बे-चौड़े, मोटे तगड़े

मम्मी जी के भइया जी

जब घर आते मुझको देते,

पूरे तीन रूपइया जी।।


इसके बाद नहाते जमकर

जपते दुर्गा मइया जी।

फिर आ जाते हैं चौके में

खाते जैसे गइया जी।।


खाते सवा पाँच सौ रोटी

सत्य कहूँ मैं भइया जी।

खाकर खाना फिर सपनों में

करते ता - ता थैया जी।।

- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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