Poem on Degree in Hindi : Degree Par Kavita
Kunal Meena Poetry : कुनाल मीना की कविता डिग्री के विषय पर हिंदी में, बेरोजगार युवाओं के लिए समर्पित कविता डिग्री। हिन्दी कविता डिग्री, ग्रेजुएशन पर कविता। Hindi Kavita on Degree, Degree Par Hindi Kavita...
डिग्री
क्या यही मांगा था मैंने
अपनी इस सरकार से
कि दर - दर ठोकर खाऊँ?
बेरोजगार मैं डिग्री लिए
मां - बाप पे बोझ बन जाऊँ।
टाईम पर ना होते एग्जाम
फार्म भरने के लिए अब
इतने पैसे कहाँ से लाऊँ?
शर्म से झुक जाती है आंखे
जब बाप के आगे हाथ फैलाऊँ।
जब देखे उम्मीद भरी नजरों से
मुझको सारा घर तो बोला
मैं! खुद को कहाँ छुपाऊँ?
तब जी करता है छोड दू सबकों
और मौत को अपने गले लगाऊँ
घुटन, पीड़ा, बेरोजगारी की
अपनी करूण व्यथा किस
किस को जाकर मै सुनाऊँ?
टुकड़े - टुकड़े दिल हुआ मेरा
किसको अपना दिल दिखलाऊँ।
- कुनाल मीना
दौसा, राजस्थान
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