Childrens Poem in Hindi : प्लेट फार्म पर रेल गाड़ियाँ

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poetry Collection Book Mutti Mein Hain Lal Gulal by Prabhudayal Shrivastava Poems for Childrens, Kids Poems in Hindi.

Hindi Bal Kavita

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Bal Kavita In Hindi : मुट्ठी में है लाल गुलाल (बाल कविता संग्रह) से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता प्लेट फार्म पर रेल गाड़ियाँ, बालमन की रोचक हिंदी बाल कविता प्लेट फार्म पर रेल गाड़ियाँ, पढ़िए मजेदार बाल गीत और शेयर कीजिए।

Platform Par Rail Gaadiyan

प्लेट फार्म पर रेल गाड़ियाँ


प्लेट फॉर्म पर रेल गाड़ियाँ,

खड़ी हुईं, चलने तैयार।


ये जायेगी कलकत्ता।

उसका दिल्ली का रस्ता।

इधर खड़ी पटना मुम्बई।

अभी-अभी चेन्नई की गई।

बैंगलोर से लखनऊ वाली,

को है सिगनल की दरकार।


चली गई तिनसुखिया मेल।

भीड़ भरी थी रेलम पेल।

सुपर फास्ट सूरतवाली।

अभी पड़ी खाली- खाली।

पता चला है इस गाड़ी की,

बिगड़ गई है पेंट्री कार।


एक रेल सबको भाई।

अभी जोधपुर से आई।

डिब्बे लाल टमाटर से।

मुँह धोकर आये घर से।

ऐसी गाड़ी मुश्किल से ही,

दिख पाती है कभी कभार ।


हर दिन आती जाती है

फेरे कई लगाती है।

ढेर मुसाफिर जाते हैं।

मंजिल अपनी पाते हैं।

रेल गाडियों के कंधे पर,

इन्हें रोज ढोने का भार।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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