कबीर के दोहे और उनके अर्थ
कबीर ऐसा यहु संसार है, जैसा सैंबल फूल : kabir amritvani
कबीर ऐसा यहु संसार है, जैसा सैंबल फूल।
kabeer aisa yahu sansaar hai, jaisa saimbal phool.
दिन दस के व्यौहार में, झूठै रंगि न भूलि॥
din das ke vyauhaar mein, jhoothai rangi na bhooli.
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