सांप्रदायिकता : Communalism

Dr. Mulla Adam Ali
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Communalism in Hindi

Communalism in Hindi

साम्प्रदायिकता

इस आर्टिकल में सांप्रदायिकता से समंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जैसे सांप्रदायिकता, सांप्रदायिकता क्या है?, सांप्रदायिकता की परिभाषा, भारत में सांप्रदायिकता, भारत में सांप्रदायिकता का विकास, सांप्रदायिकता के दुष्परिणाम, सांप्रदायिकता से क्या आशय है, सांप्रदायिकता निवारण के लिए सुझाव, Partition of India, The tragedy of partition and communalism in Hindi fiction, Communalism and Hindi Novels, Communalism and Hindi Stories, Sampradayikta Aur Munshi Premchand, Jhutha Sach Novel by Yashpal, Tamas by Bhisham Sahni, Neeloo Neelima Neelofer by Bhishm Sahni, Kala Jal (A Novel) Gulsher khan shaani, Adha Gaon Novel by Rahi Masoom Raza, Pali Hindi book by Bhishm Sahni,Kitne Pakistan by Kamleshwar, Agyeya Stories, Story Malbe Ka Malik by Mohan Rakesh, Shahar Mein Curfew by Vibhuti Narain Rai, Topi Shukla by Rahi Masoom Raza, Oos Ki Boond by Rahi Masoom Raza, Partition Story by Swayam Prakash, Sabeena Ke Chaalees Chor by Nasira Sharma, Sarhad Ke Is Paar by Nasira Sharma, Story Sikka Badal Gaya by Krishna Sobti, Two-nation theory, Aakhiri Kalaam by Doodhnath Singh, Partition Story by Swayam Prakash, Alienation: अलगाव का अर्थ, परिभाषा, ऐतिहासिक सर्वेक्षण और विविध रूप, British diplomacy: अंग्रेजों की कूटनीति, Lucknow Pact 1916: लखनऊ समझौता, Hindu Mahasabha Ka Gathan: हिंदू महासभा का गठन, Establishment of Muslim League: अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना, 1937 Indian provincial elections: 1937 के आम चुनाव और उसकी प्रतिक्रिया, लॉर्ड माउंटबेटन : भारत के विभाजन में माउंटबेटन की भूमिका, Vision of Pakistan: पाकिस्तान की परिकल्पना, अंग्रेजों का भारत आगमन - British landed on India, शरणार्थी समस्या पर आधारित एक वैचारिक कहानी है : अज्ञेय की ‘मुस्लिम-मुस्लिम भाई-भाई’, विभाजन कालीन दंगों की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी अज्ञेय की कहानी ‘शरणदाता’, विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया कृष्णा सोबती का उपन्यास - गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान, Geetanjali Shree: गीतांजलि श्री द्वारा लिखी गई कहानी बेलपत्र, Vishnu Prabhakar ki Kahaniyan: अगम अथाह और अधूरी कहानी, Laptein by Chitra Mudgal: चित्रा मुदगल की कहानी लपटें आदि।

सांप्रदायिकता : सांप्रदायिकता शब्द आज जिस अर्थ में और संदर्भ में प्रयुक्त होता है उस अर्थ में ये प्रारंभ में प्रयुक्त नहीं होता था। विशेषतः भारत में ये शब्द आज जिस अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है उस अर्थ में या संदर्भ में पहले प्रयुक्त नहीं था। सांप्रदायिकता क्या है, सांप्रदायिकता क्या है कक्षा 12, सांप्रदायिकता एक अभिशाप पर निबंध, सांप्रदायिकता को समझाइए, सांप्रदायिकता क्या होती है, सांप्रदायिकता के बारे में बताएं जानने के लिए यहां क्लिक करें सांप्रदायिकता : अर्थ और परिभाषा Communalism Meaning and Definition

सांप्रदायिकता क्या है : सांप्रदायिकता क्या है, सांप्रदायिकता शब्द का अर्थ और परिभाषा, सांप्रदायिकता का इतिहास, सांप्रदायिकता क्या है कक्षा 10, सांप्रदायिकता का अर्थ क्या है, सांप्रदायिकता मीनिंग इन हिंदी, सांप्रदायिकता meaning, सांप्रदायिकता से क्या तात्पर्य है, सांप्रदायिकता का अर्थ, सांप्रदायिकता का अर्थ क्या होता है, सांप्रदायिकता से क्या अभिप्राय है, सांप्रदायिकता का अर्थ बताइए, संप्रदायवाद या सांप्रदायिकता क्या है, सांप्रदायिकता pdf, सांप्रदायिकता meaning in english जानने के लिए यहां क्लिक करें सांप्रदायिकता किसे कहते हैं : सांप्रदायिकता in english - सांप्रदायिकता meaning in hindi - सांप्रदायिकता का क्या अर्थ है

सांप्रदायिकता की परिभाषा : सांप्रदायिकता एक विचाराधारा है, communalism meaning and definition, history, communalism in India सांप्रदायिकता का अर्थ, सांप्रदायिकता शब्द की उत्पत्ति, सांप्रदायिकता को परिभाषित कीजिए, सांप्रदायिकता का मतलब, सांप्रदायिकता क्या होता है, सांप्रदायिकता से क्या समझते हैं, सांप्रदायिकता का मतलब क्या होता है, सांप्रदायिकता पर निबंध (essay on communalism in Hindi), सांप्रदायिकता का अर्थ है आदि जानने के लिए यहां क्लिक करें Communalism: Meaning and Definition

भारत में सांप्रदायिकता pdf : भारत में सांप्रदायिकता का उद्भव और विकास के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें Communalism in India : सांप्रदायिकता की पृष्ठभूमि और भारत में सांप्रदायिकता

भारत में सांप्रदायिकता का विकास : भारत में सांप्रदायिकता और उसके विकास, सांप्रदायिकता से प्रतिफलित समस्याएं, सांप्रदायिकता के मुख्य कारण आदि के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें Communalism : साम्प्रदायिकता का घिनौना चेहरा

सांप्रदायिकता के दुष्परिणाम : सांप्रदायिकता से आप क्या समझते हैं, भारत में पहली बार सांप्रदायिकता कब दिखाई दी और सांप्रदायिकता के चार कारण, सांप्रदायिकता एक रोग है और वह भी संक्रामक, सांप्रदायिकता से क्या तात्पर्य है इसे लोकतंत्र के लिए खतरा क्यों माना जाता है, सांप्रदायिकता की विशिष्ट विशेषता यह है, सांप्रदायिकता लोकतंत्र के लिए हानिकारक क्यों है दो तर्क, सामाजिक सशक्तिकरण सांप्रदायिकता क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिकता के कारण, भारत में सांप्रदायिकता के उदय के उत्तरदायी कारणों का परीक्षण करें, the distinguishing feature of communalism is: सांप्रदायिकता की विशिष्ट विशेषता यह है, सांप्रदायिकता की विशिष्ट विशेषता यह है, सांप्रदायिकता को रोकने के उपाय, सांप्रदायिकता के मुख्य कारण लिखिए, आदि जानने के लिए यहां क्लिक करें देश विभाजन की त्रासदी और सांप्रदायिकता द्वारा प्रतिफलित अन्य समस्याएँ

सांप्रदायिकता निवारण के लिए सुझाव दीजिए : सांप्रदायिकता राष्ट्रवाद के लिए घातक है क्यों, भारत में सांप्रदायिकता वाद का मुख्य कारण क्या है, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता, भारत में सांप्रदायिकता का उदय और विकास, सांप्रदायिकता लोकतंत्र के लिए घातक है दो कारण लिखिए, सांप्रदायिकता से क्या अभिप्राय है इसे लोकतंत्र के लिए खतरा क्यों माना जाता है, सांप्रदायिकता लोकतंत्र के लिए हानिकारक क्यों है, भारत में पहली बार सांप्रदायिकता कब दिखाई दी, सांप्रदायिकता की सर्वाधिक अभिव्यक्ति क्या है, सांप्रदायिकता दूर करने के उपाय, सांप्रदायिकता एक रोग है, सांप्रदायिकता का जन्म कब होता है, भारत में सांप्रदायिकता के उदय के कारण, सांप्रदायिकता के मार्ग में एक मुख्य बाधा है,सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्षता का शत्रु है, भारत में सांप्रदायिकता के कारण, भारत में सांप्रदायिकता के कर्म का वर्णन कीजिए, धर्म और राजनीति धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता पर बहस, सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता की परवाह क्यों करनी चाहिए, जब भारत में पहली बार सांप्रदायिकता दिखाई दी, सांप्रदायिकता के कारण बताइए आदि के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें The tragedy of partition and the problems resulting from communalism

सांप्रदायिकता से क्या आशय है : उस समय यह देखा मैंने कि सांप्रदायिकता थी, धर्म सांप्रदायिकता और राजनीति, धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता पर बहस, सांप्रदायिकता एक बीमारी है और वह भी संक्रामक चर्चा, सांप्रदायिकता को दूर करने के उपाय बताइए, सांप्रदायिकता एक रोग है और वह भी संक्रमण विवेचना कीजिए, सांप्रदायिकता की समस्या कब प्रारंभ होती है, सांप्रदायिकता क्या है इसे समाप्त करने के उपाय बताइए, भारतीय राजनीति में सांप्रदायिकता, सांप्रदायिकता राष्ट्र के लिए हानिकारक है व्याख्या, सांप्रदायिकता के मार्ग में एक मुख्य वादा है, खिलाफत एवं सांप्रदायिकता, सांप्रदायिकता क्यों खतरनाक है? कोई एक कारण बताइए,भारत में सांप्रदायिकता के उदय के लिए जिम्मेदार कारणों की जांच करें, सांप्रदायिकता की समस्या प्रारंभ होती है जब,सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता में क्या अंतर है, सांप्रदायिकता की विशिष्ट विशेषता क्या है आदि के जानकारी के लिए ये लिंक क्लिक करें Communalism in India: Background of communalism and communalism in India

Partition of India : देश विभाजन एक ऐसा शब्द है जो आज भी हमारे हृदय की गहराई में एक फांस की तरह चुभता है। आज भारत को स्वतंत्र हुए 70 साल अधिक व्यतीत हो चुके हैं। हर वर्ष आजादी की वर्षगांठ मनाते हुए, आजादी की खुशी के साथ-साथ विभाजन की यह त्रासदी हमारा दिल दुखाती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के दस वर्ष पूर्व तक कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि आजादी मिलने के साथ देश का एक बड़ा हिस्सा हमसे अलग हो जाएगा अधिक जानने के लिए क्लिक करें देश विभाजन - अर्थ और परिभाषा (Partition of the country - meaning and definition)

The tragedy of partition and communalism in Hindi fiction book by Dr. Mulla Adam Ali : The tragedy of partition and communalism in Hindi fiction हिंदी कथा साहित्य में देश विभाजन की त्रासदी और सांप्रदायिकता : देश विभाजन की त्रासदी और वीभत्सता से साक्षात्कार (हिंदी कथा साहित्य में देश विभाजन की त्रासदी और सांप्रदायिकता भूमिका से) पढ़े हिन्दी कथा साहित्य में देश विभाजन की त्रासदी और साम्प्रदायिकता: डॉ. मुल्ला आदम अली

Communalism and Hindi Novels : देश विभाजन और सांप्रदायिकता को केंद्र में रखकर प्रायः सभी भारतीय भाषाओं में उपन्यास लिखे गए है। कवि और लेखक आम लोगों से अधिक संवेदनशील होते है। लेखक अपने आसपास घटने वाली घटनाओं को केंद्र में रखकर उपन्यासों का लेखन किया है, सांप्रदायिकता को आधार बनाकर लिखे गए हिन्दी उपन्यासों के बारे में जानकारी के लिए पढ़े

1. Sampradayikta Aur Hindi Upanyas : हिंदी उपन्यास और सांप्रदायिकता

2. सांप्रदायिकता की समस्या और हिंदी उपन्यास

3. सांप्रदायिकता का बदलता चेहरा और हिंदी उपन्यास

Communalism and Hindi Stories : विभाजन संबंधी प्रमुख कहानियाँ : शरणदाता, बदला, सिक्का बदल गया, अमृतसर आ गया, मास्टर साहब, जलवा, मेरी माँ कहाँ?, मलबे का मालिक, टेबल लैंप, पानी और पुल, अंतिम इच्छा आदि के बारे में जानकारी के पढ़े

1. Vibhajan Ki Kahaniyan: विभाजन की दारुण स्थिति एवं हिंदी कहानियाँ

2. सांप्रतिक हिंदी कहानियों में जाति भेद भावना

Sampradayikta Aur Munshi Premchand Ke Upanyas : साम्प्रदायिकता पर लिखने वाले साहित्यकारों में प्रेमचंद का स्थान प्रमुख था। उन्होंने अपने उपन्यासों में हिन्दू-मुस्लिम एकता एवं भाईचारे के भाव को प्रतिबिंबित किया है। आजादी के पहले से ही उनकी कलम इस रास्ते पर चल रही थी। इनका पहला उपन्यास ‘सेवासदन' आजादी से पहले लिखा हुआ था । 'सेवासदन' की समस्या मध्य वर्ग से संबंधित थी। इसमें आर्थिक समस्या के कारण सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और अन्य समस्याएँ उभर कर आती हैं, क्योंकि सभी समस्याओं का मूल अर्थ है। आज जिस तरह राजनीतिक स्वार्थ के लिए धर्म का उपयोग किया जा रहा है, उसी धर्म का उपयोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए उस जमाने में भी किया जाता था। यह उपन्यास इसी तरह की बात को इंगित करता है आगे इस लिंक से पढ़े साम्प्रदायिकता के खिलाफ प्रेमचंद के उपन्यासों में आवाज : Sampradayikta Aur Munshi Premchand

Tamas by Bhisham Sahni : देश-विभाजन की पृष्ठभूमि एवं सांप्रदायिकता लिखा गया तमस भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। तमस उपन्यास का प्रकाशन 1973 में हुआ था और 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। साम्प्रदायिकता का दर्द और विभाजन की त्रासदी के सच को आंखों के सामने प्रस्तुत करने वाला भीष्म साहनी का उपन्यास तमस है। तमस उपन्यास के बारे में जानकारी के लिए लिंक क्लिक करें।

1. भीष्म साहनी के उपन्यास तमस पर एक नजर : तमस की वस्तुगत प्रासंगिकता

2. भीष्म साहनी का कालजयी उपन्यास : तमस

3. भीष्म साहनी : तमस और नीलू नीलिमा नीलोफर

4. भारत विभाजन की मानवीय त्रासदी पर केंद्रित उपन्यास : तमस

Neeloo Neelima Neelofer by Bhishm Sahni : भीष्म साहनी का उपन्यास नीलू नीलिमा नीलोफर प्रेम सांप्रदायिकता को पराजित करने के लिए काफी है। इसलिए अंतरधर्मीय विवाह होना चाहिए किंतु उसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है यह सच्चाई उपन्यास में व्यक्त हुई है आगे इस लिंक से पढ़े नीलू नीलिमा नीलोफर : भीष्म साहनी

Jhutha Sach Novel by Yashpal : ‘झूठा-सच’ उपन्यास विभाजन पूर्व, विभाजन दौरान, विभाजनोत्तर घटी घटनाओं का वर्णन बड़े व्यापक स्तर पर किया गया है Jhutha Sach Novel by Yashpal : Vatan Aur Desh (Part-1) Desh Ka Bhavishya (Part-2) जानकारी के लिए पढ़े

1. विभाजन के आईने में ‘झूठा सच’

2. यशपाल का उपन्यास झूठा सच : वतन और देश - देश का भविष्य

3. यशपाल की समाजवादी चेतना का स्वरूप : एक अनुशीलन

Kala Jal (A Novel) Gulsher khan shaani : शानी का ‘कालाजल’ सांप्रदायिकता विरोध का उपन्यास है। शानी का उपन्यास कालाजल मुस्लिम समुदाय के जीवन का एक प्रामाणिक दस्तावेज है जानकारी के पढ़े

1. सांप्रदायिकता विरोध का उपन्यास : शानी का ‘काला जल’

2. Kala Jal : मुस्लिम समुदाय के जीवन पर एक प्रामाणिक दस्तावेज शानी का काला जल

Kitne Pakistan by Kamleshwar : ‘कितने पाकिस्तान’ उपन्यास में स्वतंत्रता के पूर्व के और स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद भारत में धर्म के नाम पर जो वारदातें हुई, उनके कारणों को तलाशने और इस समस्या के शाश्वत समाधान की और पाठकों के ध्यान को आकर्षित करने का प्रयास किया गया है आगे इस लिंक से पढ़े।

1. कमलेश्वर के उपन्यास कितने पाकिस्तान में वर्णित विभिन्न समस्याएँ

2. विभाजन और सांप्रदायिकता की समस्या पर आधारित उपन्यास : कितने पाकिस्तान

Pali Hindi book by Bhishm Sahni : देश विभाजन एक दुखद, विभाजन के समय ऐसी घटनाएं घटी है जिससे दर्दनाक माहौल खड़ा हो। देश विभाजन की त्रासदी द्वारा हुई घटनाओं को आधार बनाकर हिन्दी के जाने माने कहानीकार भीष्म साहनी की 'पाली' कहानी विभाजन के दौरान हुई उथल-पुथल का यथार्थ चित्र अंकित करती है, Bhishm Sahani Ki Kahani Pali के बारे में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें दो धर्मों की ममता के बीच पिसते बच्चे की व्यथा की कहानी : पाली

Adha Gaon Novel by Rahi Masoom Raza : राही मासूम रज़ा का उपन्यास ‘आधा गाँव’ सन् 1966 में राही मासूम रजा का उपन्यास ‘आधा गाँव’ प्रकाशित हुआ। इस उपन्यास में राही मासूम रजा ने गाजीपुर से बारह-चौदह मील की दूरी तक स्थित गंगौली गाँव के मुस्लिम समाज का प्रमुख रूप से और अन्य वर्गों का भी चित्रण किया है। इस उपन्यास में स्वतंत्रता से पूर्व और स्वतंत्रता के बाद की घटनाओं को बांधने का प्रयास किया है। इस गाँव में हिंदूओं और मुसलमानों की अनेक जातियां निवास करती थी परंतु लेखक ने इस उपन्यास में केवल शिया मुसलमानों के जीवन को चित्रित करने का प्रयास किया है ज्यादा जानें

1. राही मासूम रज़ा के उपन्यास 'आधा गाँव' में विभाजन की त्रासदी

2. आधा गाँव : Adha Gaon Novel by Rahi Masoom Raza

Oos Ki Boond by Rahi Masoom Raza : इस उपन्यास की कथा हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिकता पर रची गई है, विभाजन के उपरांत उन मुसलमानों की मनोदशा का चित्रण किया आगे पढ़े

1. हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिकता पर आधारित उपन्यास : ओस की बूँद

2. सांप्रदायिक राजनीति का यथार्थ राही मासूम रज़ा का उपन्यास - ओस की बूंद

Topi Shukla by Rahi Masoom Raza : राही मासूम रजा का दूसरा उपन्यास टोपी शुक्ला उपन्यास के माध्यम से राही ने आज के ‘समय’ की डरावनी तस्वीर पेश किया है। आजादी के बाद के हिंदुस्तान में सांप्रदायिकता, मुस्लिम अस्मिता, सिद्धांतहीनता के बीच फँसे आदमी की बेबसी को यह उपन्यास चित्रित करता है आगे पढ़े टोपी शुक्ला : Topi Shukla by Rahi Masoom Raza

Shahar Mein Curfew by Vibhuti Narain Rai : विभूति नारायण राय का उपन्यास शहर में कर्फ्यू के माध्यम से विभूति जी ने समाज और राजनीति में लगातार सक्रिय सांप्रदायिक विचारधारा के खतरों के प्रति जागरूक और सावधान किया है और उसे सिरे से खारिज कर अपनी पक्षधरता कि मुखर घोषणा भी की है। आकस्मिक नहीं कि इस उपन्यास की प्रतियां उत्तर प्रदेश के कई शहरों में उग्र हिंदुत्ववादी संगठनों ने चौराहों पर जलाई थी। इससे प्रमाणित है कि उपन्यास ने सिर्फ वैचारिक उत्तेजन नहीं पैदा की है सही जगह पर चोट भी की है आगे पढ़े

1.Shahar Mein Curfew by Vibhuti Narain Rai : शहर में कर्फ्यू

2. लोकतंत्र के पतन को परिभाषित करनेवाला विभूति नारायण राय का उपन्यास - शहर में कर्फ्यू

Story Malbe Ka Malik by Mohan Rakesh : यह कहानी ‘मोहन राकेश’ द्वारा लिखी गयी है। इस कहानी का कथानक विभाजन के साढ़े सात साल बाद के कालखंड को दर्शाया है। मोहन राकेश ने विभाजन कालीन घटनाओं का विस्तार से वर्णन नहीं किया बल्कि संकेतों के माध्यम से कथ्य को स्पष्ट किया है। कहानी के अंतर्गत विभाजन के दूरगामी परिणामों को दर्शाया है। विभाजन के फैसले के कारण न चाहते हुए भी मजबूरी में हिंदू तथा मुसलमानों को अपना बसा-बसाया घर-बार छोड़कर जाना पड़ा था, उन्हें अपने देश, घर, गली, मुहल्ले की याद आती थी। उन्हें विश्वास था कि उनके घर उसी तरह आज भी सुरक्षित होंगे, और लोगों में आज भी वही आत्मीयता होगी। प्रस्तुत कहानी इन्हीं संबंधों का ताना-बाना है आगे पढ़े मोहन राकेश की कहानी : मलबे का मालिक

Agyeya - अज्ञेय की कहानियाँ : अज्ञेय की कहानी ‘लेटर बॉक्स’ है। अज्ञेय की कहानियों का रचना सैनिक-काल के जीवन से नाभि-नाल जुड़ा है। इसलिए खूब अपने को मथकर अज्ञेय ने माना है कि एक बार फिर ये कहानियां आहत संवेदना की और मानव मूल्यों के आग्रह की कहानियां है। विभाजन से उत्पन्न समस्याओं की प्रश्नाकूलताओं से यह अज्ञेय जूझ रहे है, ‘रमंते तत्र देवताः’ अज्ञेय की कहानी में हिन्दू-मुसलमान विभाजन जैसे विभ्राट में अमानवीयता हद तक उपजाती है, अज्ञेय की कहानी ‘नारंगियाँ’ अभावग्रस्त परिवेश में भी मानवीय संवेदनाओं को बरकरार रखने के लिए प्रयत्नरत शरणार्थियों की जिंदगी से हमारा सीधा साक्षात्कार कराती है आगे पढ़े Agyeya Stories : अज्ञेय की कहानियाँ

Story Sikka Badal Gaya by Krishna Sobti : ‘सिक्का बदल गया’ कहानी कृष्णा सोबती द्वारा लिखित है, कृष्णा सोबती ने विभाजन से संबंधित कई कहानियां लिखी है जिनमें ‘सिक्का बदल गया’ कहानी सबसे महत्वपूर्ण है, लेखिका ने इस कहानी में संकेतों के माध्यम से विस्थापित व्यक्ति की पीड़ा को दिखाया है, सदियों से साथ रह रहे व्यक्तियों में विभाजन किस प्रकार से सांप्रदायिक भावनाएं भर देता है। सांप्रदायिक मनोवृति को सीधे नहीं उठाया गया है आगे पढ़े कृष्णा सोबती की कहानी सिक्का बदल गया

Sarhad Ke Is Paar by Nasira Sharma : समकालीन सांप्रदायिक संदर्भों में विषय के रूप में ग्रहण करके लिखी गयी नासिरा शर्मा की कहानी ‘सरहद के इस पार’ भारतीय मुसलमानों पर पाकिस्तान निर्माण के दीर्घकालीन प्रभाव की अभिव्यक्ति से संबंधित है आगे पढ़े सरहद के इस पार : नासिरा शर्मा की कहानी

Namita Singh ki Kahani Mushak : नमिता सिंह द्वारा लिखी गयी कहानी ‘मूषक’ है। सांप्रदायिकता और आतंकवाद अब गाँव-शहर-देश की समस्या नहीं, सारे विश्व की समस्या बन चुकी है। धरती से लेकर पाताल तक मनुष्य जीवन सुरक्षित नहीं है। प्रस्तुत कहानी इसी बात को व्यक्त करती है आगे पढ़े आतंकवाद के सच को व्यक्त करती नमिता सिंह की कहानी मूषक

Sabeena Ke Chaalees Chor by Nasira Sharma : नासिरा शर्मा द्वारा लिखी गई कहानी ‘सबीना के चालीस चोर’ कहानी समकालीन सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक एवं आर्थिक परिवेश को बड़ी सघनता के साथ व्यंजित करती है आगे पढ़े नासिरा शर्मा की कहानी सबीना के चालीस चोर

Partition Story by Swayam Prakash : स्वयं प्रकाश की कहानी ‘पार्टीशन’ है। लेखक के ही शब्दों में ‘पार्टीशन’ एक सच्ची कहानी है, सांप्रदायिकता विषय पर स्वयं प्रकाश ने कई महत्वपूर्ण कहानियों का निर्माण बड़ी कुशलता एवं सफलतापूर्वक किया है आगे पढ़े स्वयं प्रकाश की कहानी ‘पार्टीशन’

Unmad by Bhagwan Singh : ‘उन्माद’ उपन्यास भगवान सिंह द्वारा लिखा गया उपन्यास मनोविश्लेषणवादी होने के कारण फासीवाद के मनोविज्ञान का विश्लेषण करने में सफल रहा है आगे पढ़े फासीवाद के मनोविज्ञान विश्लेषण का सफल उपन्यास भगवान सिंह का उन्माद

Story Mukti by Asgar Wajahat : असग़र वज़ाहत की और एक कहानी ‘मुक्ति’ है। उनकी कहानियों में सांप्रदायिकता संबंधी विचारों के भिन्न तेवर दिखाई देते हैं। उनकी ‘जख्म’, ‘मुक्ति’, ‘पहचान’ जैसी कहानियां सांप्रदायिक राजनीति, उसके स्त्रोत, उसके असली चेहरे उसके अंतर्विरोध इत्यादि पर अपने ढंग से आक्रमण करती है।“ ‘पहचान’,’मुक्ति’, ‘गुरु-चेला संवाद’ जैसी कहानियाँ सांप्रदायिकता के ‘उपयोगी’ पक्ष को व्यक्त करती हैं। यानी जो लोग सांप्रदायिकता के पक्ष में है, वे उसी पर चलते हैं, जीते हैं, मोटा तगड़ा बन जाते हैं।“ उनकी महत्त्वपूर्ण कहानी ‘मुक्ति’ है। आगे पढ़े असग़र वजाहत की कहानी - मुक्ति

Aakhiri Kalaam by Doodhnath Singh : ‘आखिरी कलाम’ उपन्यास दूधनाथ सिंह द्वारा लिखा गया है। हिंदी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का फासीवादी चेहरा बेनकाब करने में दूधनाथ सिंह कोताही नहीं बरतते किंतु ‘समानांतर युद्ध’ कहकर आशंका के लिए जगह मात्र छोड़ जाते है। ‘आखिरी कलाम’ वर्तमान समय में एकाएक ही महत्त्वपूर्ण एवं प्रासंगिक नहीं हुआ है, बल्कि वह काल की परिधि से निकलकर कालातीत हुआ है। आगे पढें आखिरी कलाम : भारतीय राजनीति का सच

Trasadi ka Arth aur Swaroop : त्रासदी का प्रयोग भीष्म साहनी के ‘तमस’ उपन्यास में हुआ है त्रासदी शब्द ‘त्रास’ से बना है त्रासदी के भिन्न रूपों का प्रयोग हुआ है। इसमें कहीं सामूहिक त्रासदी है तो कहीं व्यक्तिगत, दैवी प्रकोप है तो कहीं राजनीतिक त्रासदी आगे पढ़े त्रासदी का अर्थ और स्वरूप

Two-nation theory : द्विराष्ट्रवाद सिद्धांत (Two-nation theory) के जन्मदाता मोहम्मद इकबाल थे जो पहले ‘हिंदू है हम वतन है हिंदोस्तां हमारा’ का गायन करते थे लेकिन बाद में इन्होंने ‘मुस्लिम है हम वतन है सारा जहां हमारा’ की तान छेड़ी और कट्टरपंथी मुस्लिमों के अजीज बन गए। वस्तुतः मुस्लिम लीग की राजनीति को दार्शनिक आधार उन्होंने दिया और इनकी विचारधारा का जिन्ना पर भी काफी प्रभाव रहा। मुस्लिम विचारकों में मोहम्मद इकबाल का महत्वपूर्ण स्थान था ज्यादा पढ़े द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत एवं मुस्लिम स्वायत्त प्रांतों की मांग

देश विभाजन की त्रासदी और सांप्रदायिकता पर अन्य लेख पढ़े : India Partition and Communalism

1. Alienation: अलगाव का अर्थ, परिभाषा, ऐतिहासिक सर्वेक्षण और विविध रूप 

2. British diplomacy: अंग्रेजों की कूटनीति

3. Lucknow Pact 1916: लखनऊ समझौता

4. Hindu Mahasabha Ka Gathan: हिंदू महासभा का गठन

5. Establishment of Muslim League: अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना

6. 1937 Indian provincial elections: 1937 के आम चुनाव और उसकी प्रतिक्रिया

7. लॉर्ड माउंटबेटन : भारत के विभाजन में माउंटबेटन की भूमिका

8. Vision of Pakistan: पाकिस्तान की परिकल्पना

9. अंग्रेजों का भारत आगमन - British landed on India

10. शरणार्थी समस्या पर आधारित एक वैचारिक कहानी है : अज्ञेय की ‘मुस्लिम-मुस्लिम भाई-भाई’

11. विभाजन कालीन दंगों की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी अज्ञेय की कहानी ‘शरणदाता’

12. विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया कृष्णा सोबती का उपन्यास - गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान

13. Geetanjali Shree: गीतांजलि श्री द्वारा लिखी गई कहानी बेलपत्र

14. Vishnu Prabhakar ki Kahaniyan: अगम अथाह और अधूरी कहानी

15. Laptein by Chitra Mudgal: चित्रा मुदगल की कहानी लपटें

इस आर्टिकल में विस्तार से देश विभाजन और सांप्रदायिकता के बारे में बताया गया है। सांप्रदायिकता अर्थ हिंदी में, सांप्रदायिकता अर्थ अंग्रेजी में, हिन्दी उपन्यासों में सांप्रदायिकता, हिन्दी कहानियों में सांप्रदायिकता, सांप्रदायिकता के कारण, परिणाम, इतिहास आदि महत्वपूर्ण जानकारी आप इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं। शेयर करें, धन्यवाद।

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